Tuesday 12 October 2010

संघ और सिमी एक समान

दैनिक जागरण 07 oct 2010
भोपाल कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और आतंकी गतिविधियों में लिप्तता के चलते प्रतिबंधित किए गए संगठन स्टूडेंट्स ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी में कोई अंतर नहीं मानते। मध्य प्रदेश की तीन दिवसीय यात्रा पर आए राहुल ने बुधवार को भोपाल में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा,विचारधारा के स्तर पर इन दोनों संगठनों में कोई फर्क नहीं है। दोनों कट्टरवादी विचारधारा के पोषक हैं। इसके पहले राहुल ने टीकमगढ़ प्रवास के दौरान युवाओं से संवाद करते समय कहा था कि कट्टरवाद के लिए युवक कांग्रेस में कोई जगह नहीं है और जिन्हें यह पसंद है वे भाजपा में जा सकते हैं। एक पत्रकार ने जब उनके इस बयान को विवादास्पद बताते हुए कहा कि सिमी तो प्रतिबंधित संगठन है और संघ नहीं, तो राहुल ने कहा कि वह अपनी बात पर कायम हैं और इसमें उन्हें कोई विवाद नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि कौन प्रतिबंधित है और कौन नहीं? मुद्दे की बात यह है कि दोनों ही संगठन कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं। कांग्रेस के युवा संगठनों के प्रभारी राहुल ने यह भी दोहराया कि कट्टरवादी विचारधारा रखने वालों के लिए युवक कांग्रेस में कोई जगह नहीं हो सकती। यह कहे जाने पर कि संघ-सिमी को एक जैसा बताने के लिए भाजपा ने उन्हें अपरिपक्व राजनेता बताया है, राहुल गांधी ने कहा कि इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। एक अन्य सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश के नौजवानों के लिए अयोध्या विवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण विषय शिक्षा और रोजगार का है। देश में 70 फीसदी आबादी युवाओं की है, जो सिर्फ भविष्य के बारे में सोचती है, अतीत के बारे में नहीं। राहुल ने कहा कि मैं अनेक स्थानों पर गया, लेकिन युवाओं ने अयोध्या की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में कांग्रेस पार्टी की जो प्रतिक्रिया है वही उनकी भी है। अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह न तो विवादित ढांचे के ध्वंस की आलोचना करता है और न ही 6 दिसंबर 1992 के बाद बड़े पैमाने पर भड़के दंगों की। अपने इस जवाब के जरिये राहुल ने यह आभास कराया कि वह इससे अनभिज्ञ हैं कि ढांचा ढहाने वाले मामले की सुनवाई एक अलग अदालत में चल रही है।
केवल मुस्लिम वोटों के लिए लोग हिन्दू धर्म का अनादर कर रहे है.

No comments:

Post a Comment