Wednesday 27 March 2013

उन डाक्टरों के लिए जिन्होंने अपने लिए अपनो की जाने ली है।

कैसे खेली है तुमने होली,
नहीं समझ होगी तुममे ?
नहीं रहा होगा इंसानों से प्यार,
तब तो करते रहे स्वहित के लिए,
मौतों का इंतज़ार, इन्तजार।।

समझो तुमने
अपने अपने सपने को,
सजाने के लिए,
सवारने के लिए,
इंसानियत की बलि दे दी।
इंसानों को दांव पर लगा दिया।
तड़पते हुए लोगो को नकार दिया,
जिन्होंने समझा था तुम्हे,
भगवान्, मसीहा ............
और ना जाने क्या- काया?
कुछ पल जीने को,
अपनो के सुनहरे पलों के लिए,
अपनो के लिए,
कुछ शेष, अवशेष कार्यो के लिए,
जीना चाहते थे,
सपने पूर्ण करना चाहते थे।
लाचार सी नजरें निहार रही थी।।

तुमने नकार दिया,
उनके जीवन से खिलवाड़ किया।
उनकी आशाओ पर तुशाराघात किया,
व्याघात किया,
कुछ लाचारों को अपने सुख के लिए,
जीते जी मार दिया।।

सोचो  के सपनों को मार कर,
किसी के जीवन को हर कर,
मानव की जान की कीमत पर,
तुम्हे और तुम्हारे भविष्य को
कुछ क्षण भले ही मिले हो,
लेकिन जीवन देने के काम को,
उसके ईमान को,
तुमने मार दिया।।

Tuesday 19 October 2010

अब एक बुजुर्ग ने देश की धज्जिया उड़ाई

लोग झूठी प्रसंशा पाने के लिए अब कुछ भी करने से परहेज नहीं कर रहे है, एक बुजुर्ग और कई बार संसद रह चुके नेता के द्वारा इस प्रकार की गतिया इस्तर की हरकत बहुत ही नन्दनिया है.
अमर उजाला 

तिरंगा केक काटने में सपाई फंसे
हरमोहन सिंह के जन्मदिन पर मनाया गया समारोह
       पूर्व सांसद चौधरी हरमोहन सिंह यादव के जन्मदिन ‘शौर्य दिवस’ पर सोमवार को तिरंगा केक काटना सपाइयों को महंगा पड़ गया। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में अज्ञात के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज अपमान निवारण अधिनियम के तहत ग्वालटोली थाने में परमट चौकी इंचार्ज ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। साथ ही बिना इजाजत सार्वजनिक रूप से जन्मदिन मनाने और धारा 144 के उल्लंघन की भी कार्रवाई हुई है।
मर्चेंट चैंबर सभागार में जन्म दिन समारोह मनाया गया। इसमें हरमोहन सिंह ने तिरंगा केक काटा। शिवपाल सिंह यादव, इरफान सोलंकी, जितेंद्र बहादुर सिंह ने भी उनका साथ दिया। तिरंगा केक देखकर चखचख तो मचने ही लगी थी, तभी किसी चैनल ने यह खबर चला दी फिर लखनऊ से पूछताछ शुरू हो गई। जिलाधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि गृह विभाग के प्रमुख सचिव का फोन आया जिसके बाद उन्होंने थाना ग्वालटोली और एसीएम को जांच के आदेश दिए। मामला सही पाए जाने पर परमट चौकी इंचार्ज डीपी सिंह ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट कराई। विवेचना में नाम खुलने पर नामजद होगी रिपोर्ट।
धारा 144 का उल्लंघन करना भी माना गया. 

दैनिक जागरण

पूर्व सांसद हरमोहन सिंह यादव के जन्मदिन पर राष्ट्रीय ध्वज जैसा केक काटे जाने के मामले में समाजवादी पार्टी मुश्किल में फंस गयी है। जिलाधिकारी मुकेश कुमार मेश्राम के आदेश पर पुलिस ने घटना की जांच कर ग्वालटोली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मर्चेट चेंबर सभागार में सोमवार को वरिष्ठ सपा नेता हरमोहन सिंह यादव के 91 वें जन्म दिन पर कार्यकर्ता सचिन तांगड़ी द्वारा भेंट किये गये केक को यादव के साथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव ने काटा था। लेकिन केक को राष्ट्रीय ध्वज जैसा बताये जाने से मामला तूल पकड़ गया है।





Tuesday 12 October 2010

संघ और सिमी एक समान

दैनिक जागरण 07 oct 2010
भोपाल कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और आतंकी गतिविधियों में लिप्तता के चलते प्रतिबंधित किए गए संगठन स्टूडेंट्स ऑफ इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी में कोई अंतर नहीं मानते। मध्य प्रदेश की तीन दिवसीय यात्रा पर आए राहुल ने बुधवार को भोपाल में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा,विचारधारा के स्तर पर इन दोनों संगठनों में कोई फर्क नहीं है। दोनों कट्टरवादी विचारधारा के पोषक हैं। इसके पहले राहुल ने टीकमगढ़ प्रवास के दौरान युवाओं से संवाद करते समय कहा था कि कट्टरवाद के लिए युवक कांग्रेस में कोई जगह नहीं है और जिन्हें यह पसंद है वे भाजपा में जा सकते हैं। एक पत्रकार ने जब उनके इस बयान को विवादास्पद बताते हुए कहा कि सिमी तो प्रतिबंधित संगठन है और संघ नहीं, तो राहुल ने कहा कि वह अपनी बात पर कायम हैं और इसमें उन्हें कोई विवाद नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि कौन प्रतिबंधित है और कौन नहीं? मुद्दे की बात यह है कि दोनों ही संगठन कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं। कांग्रेस के युवा संगठनों के प्रभारी राहुल ने यह भी दोहराया कि कट्टरवादी विचारधारा रखने वालों के लिए युवक कांग्रेस में कोई जगह नहीं हो सकती। यह कहे जाने पर कि संघ-सिमी को एक जैसा बताने के लिए भाजपा ने उन्हें अपरिपक्व राजनेता बताया है, राहुल गांधी ने कहा कि इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ा। एक अन्य सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश के नौजवानों के लिए अयोध्या विवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण विषय शिक्षा और रोजगार का है। देश में 70 फीसदी आबादी युवाओं की है, जो सिर्फ भविष्य के बारे में सोचती है, अतीत के बारे में नहीं। राहुल ने कहा कि मैं अनेक स्थानों पर गया, लेकिन युवाओं ने अयोध्या की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में कांग्रेस पार्टी की जो प्रतिक्रिया है वही उनकी भी है। अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि वह न तो विवादित ढांचे के ध्वंस की आलोचना करता है और न ही 6 दिसंबर 1992 के बाद बड़े पैमाने पर भड़के दंगों की। अपने इस जवाब के जरिये राहुल ने यह आभास कराया कि वह इससे अनभिज्ञ हैं कि ढांचा ढहाने वाले मामले की सुनवाई एक अलग अदालत में चल रही है।
केवल मुस्लिम वोटों के लिए लोग हिन्दू धर्म का अनादर कर रहे है.

उमर ने कश्मीर के विलय को अधूरा बताया

दैनिक जागरण 07 oct 2010
 श्रीनगर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कश्मीर समस्या के राजनीतिक हल पर जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का भारत संग पूर्ण विलय नहीं हुआ है। हमारा सशर्त अर्धमिलन हुआ है। इस समस्या का हल विशिष्ट तरीके से ही निकाला जा सकता है, जो राज्य के तीनों क्षेत्रों के लोगों के साथ भारत-पाक को भी मान्य हो। उमर ने विधानसभा में कहा,कश्मीर मसला दो मुल्कों के बीच का है, जिसमें हमारा राज्य बुरी तरह पिस चुका है। केंद्र सरकार भी इसे स्वीकार कर चुकी है। अगर यह विवाद नहीं है तो फिर शिमला समझौते से लेकर दिल्ली शिखर वार्ता तक इसकी बात क्यों की गई। यह एक पेचीदा और मुख्य मसला है, जिसे हमें हल करना है। इसके लिए यहां अलगाववादियों से भी बात करनी होगी और नई दिल्ली को इस्लामाबाद से भी। कश्मीर मसला अब हमेशा आगे ही रहेगा, इसे हल किए बिना ठंडे बस्ते में नहीं जाने देंगे। समस्या का वही हल निकालना है जो राज्य के तीनों हिस्सों के अलावा दिल्ली और पाकिस्तान समेत सभी को कबूल हो। उमर ने कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट अंग है, अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए बार-बार क्यों चिल्लाना पड़ता है। अपने लोगों पर भरोसा होना चाहिए। हमारा इलहाक (विलय) हुआ है, लेकिन आप इसे जूनागढ़ और हैदराबाद से नहीं जोड़ सकते। वह पूरी तरह भारत में मिल गए थे, लेकिन हमारा पूर्ण विलय नहीं हुआ है। हमने अपना समझौता नहीं तोड़ा। हम अलग नहीं हुए, लेकिन समझौता आपने तोड़ा। समझौते का पालन दोनों तरफ से होना चाहिए। उमर का कहना था, कश्मीर समस्या कोई प्रशासकीय समस्या भी नहीं है, जो मेरे कुर्सी से हट जाने से हल हो जाएगी। अगर ऐसा होता तो मैं और पूरा मंत्रिमंडल सरकार से हट गया होता। सिर्फ कुर्सी ही नहीं, सियासत भी छोड़ देता। पीडीपी के लोग कहते थे कि यहां सियासी निजाम बदल दो, 90 प्रतिशत समस्या हल हो जाएगी। इसका मतलब जो हालात खराब हुए हैं, उसमें 90 प्रतिशत इनका किया धरा है, लेकिन मैं नहीं मानता। इन लोगों की इतनी ताकत नहीं कि ऐसा कर पाते। हां, इन लोगों ने हालात का फायदा जरूर लिया।


समझिये देशद्रोही नहीं तो क्या है ?